Abhivyakti ki swatantrata
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अभिब्यक्ति की स्वतंत्रता अर्थात किसी सूचना या विचार को बोलकर, लिखकर या किसी अन्यर रूप में बिना किसी रोकटोक के अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहलाती है। नाटक रंगमंच अथवा सिनेमा या कोई भी कला अभिव्यक्ति का माध्यम है अपने विचारों के संप्रेषण का माध्यम है। अतः इसमें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी हो जाती है। बात करें अगर नाटक की तो नाटक संप्रेषण का सबसे बड़ा माध्यम है जिसमें आमने - सामने अपनी बातों को, अपने विचारों को रख पाते हैं अतः इसकी स्वतंत्रता, या कहें नाट्याभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। किंतु ऐसा नहीं है नाटक रंगमंच के द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमेशा से दोहन होता रहा है, जो कि समाज के द्वारा हो अथवा राजनीति के द्वारा। उदाहरणस्वरूप विजय तेंडुलकर या बादल सरकार, सफदर हाशमी आदि ऐसे कई बड़े कलाकार हैं जो रंगमंच से जुड़े रहे हैं, नाटक लिखते रहे हैं जिनके नाटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया तथा चलते प्रदर्शन को रोक द