Pradarshankari kala me aapda prabandhan



        प्रदर्शनकारी कला में आपदा प्रबंधन


आपदा


                        आपदा अर्थात बिना पूर्व सूचना के ऐसी घटी घटना या आया ऐसा संकट जिससे शारीरिक तथा आर्थिक हानि हो या कार्य में विघ्न पड़े आपदा कहलाती है। आपदा कई प्रकार के होते हैं जैसे बाढ़ सुखाड़ भूकंप महामारी ओलावृष्टि बादल का फटना बिल्डिंग का गिर जाना इत्यादि

                           जब बात करें रंगमंच की तो रंगमंच में भी आपदा आ सकती है। रंगमंच में भी बिना किसी पूर्व सूचना के ऐसी घटना घट सकती है या ऐसा संकट उत्पन्न हो सकता है जिससे नाटक में उपस्थित कलाकारों के साथ-साथ दर्शक को शारीरिक हानि पहुंचे या आर्थिक क्षति हो अथवा प्रस्तुति में विघ्न पड़े। रंगमंच में आपदा दो प्रकार के होते हैं एक प्रस्तुति के दौरान दूसरा प्रस्तुति के पूर्व अभ्यास के दौरान दोनों ही समय में बिना किसी पूर्व सूचना के आया संकट आपदा कहलाता है ।
                        अब आपदा है तो आपदा प्रबंधन भी ज़रूरी है। जिस प्रकार सामान्य आपदा के प्रबंधन की जाती है उसी प्रकार रंगमंच में भी रंगमंचीय आपदा का प्रबंधन भी किया जाता है और यह जरूरी भी है।

                 रंगमंच में आपदा के प्रकार 

प्रस्तुति पूर्व अथवा अभ्यास के दौरान आई आपदा

1. अभ्यास के दौरान अभ्यास स्थल छत का गिर जाना
2. अभ्यास स्थल की दीवार का टूट जाना
3. किसी अभिनेता का बेहोश होकर गिर जाना
4. अभ्यास के दौरान आवश्यक सामग्री का उपयोग करते हुए शारीरिक चोट लग जाना
5. अभ्यास स्थल पर असामाजिक तत्वों द्वारा आघात
6. अभ्यास के दौरान भूकंप आना
6. अभ्यास के दौरान तेज बारिश होना
7. अभ्यास के दौरान यातयात व्यवस्था ठप हो जाना

अभयास के दौरान आयी आपदा प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

1. निर्देशक अथवा प्रस्तुति नियंत्रक को सर्वप्रथम इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वह अभ्यास के दौरान संभावित आपदाओं की सूची बना ले

2. उसके बाद उस सूची के अनुरूप उसके प्रबंधन का उपाय करे

3. सर्वप्रथम अभ्यास स्थल का चयन अच्छे से जांच परख कर करना चाहिए कि वह मजबूत है

4.  प्रस्तुति नियंत्रक को चाहिए कि वह जितने भी अभिनेता तथा अभिनेत्री हैं उनकी शारीरिक बीमारियों के बारे में जानकारी ले ले तथा उन्हें किन-किन चीजों से दिक्कतें हैं उसकी भी जानकारी ले ले

5. प्रस्तुति नियंत्रक को चाहिए कि वह अभ्यास के लिए ऐसे वस्तुओं का चयन करें या अभ्यास के लिए जिन भी वस्तुओं की जरूरत हो उसकी मजबूती तथा गुणवत्ता को ध्यान में रखकर उसका क्रय करें

6.  यदि सारी व्यवस्थाओं के बावजूद दीवार टूटने या  छत गिरने जैसी आपदा आती है तो उसमें चोटिल सभी कलाकारों को प्राथमिक उपचार करें तथा जरूरत पड़ने पर चिकित्सालय लेकर जाए

7. जिसके लिए वह पूर्व से ही वाहन तथा फर्स्ट एड किट की व्यवस्था रखें

8. यदि किसी अभिनेता का शरीर कमजोर है अथवा उसे कोई बीमारी है जिसके लिए वह दवा लेना पड़ता हो तो प्रस्तुति नियंत्रक को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि अभिनेता या अभिनेत्री अपनी दवा साथ रखें

9. प्रस्तुति नियंत्रक को चाहिए कि वह अभ्यास स्थल पर प्रतिदिन ताकत देने वाली खाद्य तथा पेय पदार्थ की व्यवस्था करें जितना संभव हो सके।

10. यदि अभ्यास के दौरान किसी असामाजिक तत्व के द्वारा अभ्यास पर आघात किया जाता है तो प्रस्तुति नियंत्रक को चाहिए कि वह पूरे मामले को  बहुत ही शांति पूर्वक सुलझाएं और परिस्थिति को संभाले और उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सर्वप्रथम अभ्यास में उपस्थित जितने भी कलाकार हो उन्हें वहां से, उस स्थल से अलग कर दें ताकि कोई भी मामला ज्यादा गहरा ना हो

11. यदि अभ्यास के दौरान भूकंप आये तो प्रस्तुति नियंत्रक अथवा निर्देशक को चाहिए कि वह अपने कलाकारों को धैर्य बंधाये  तथा अफरा-तफरी ना मचाने के लिए कहे

12.  प्रस्तुति नियंत्रक को चाहिए कि वह उस वक्त अपने कलाकारों को भूकंप से बचने के लिए आवश्यक दिशा - निर्देश दें

13. यदि प्रस्तुति का समय नजदीक है तथा अभ्यास करना जरूरी है और ऐसे में यातायात ठप हो जाता है प्रस्तुति नियंत्रक को यह व्यवस्था करनी चाहिए कि सारे कलाकारों अभिनेता तथा अभिनेत्री अभ्यास स्थल पर कैसे पहुंचे इसके लिए उसे पूर्व में ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह सारे अभिनेता तथा अभिनेत्रियों के निवास स्थल से अभ्यास स्थल के बीच जितना संभव हो सके अलग-अलग रास्तों का ज्ञान कर ले

14. ऐसी परिस्थिति में उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सभी कलाकार वापस अपने निवास स्थल पर सुरक्षित पहुंच जाएं।

प्रस्तुति के दौरान आयी आपदा

                      अभ्यास के दौरान आयी आपदा प्रस्तुति के दौरान भी आ सकती है। इसके अलावा कुछ अन्य आपदाएं हैं जो प्रस्तुति के दौरान आ सकती है जैसे

1. मंच के किसी भाग का टूट जाना

2. वस्त्र मुकुट आदि का खुल जाना

3. प्रस्तुति के दौरान गलत दृश्य जैसे दो दृश्य आगे की शुरुआत हो जाना

4.  प्रस्तुति के दौरान किसी अभिनेता का संवाद भूल जाना

5.  प्रस्तुति के पूर्व कुछ समय पहले किसी अभिनेता का बीमार पड़ जाना अथवा किसी अभिनेता के द्वारा प्रस्तुति पर आघात करने के उद्देश्य से प्रस्तुति में पहुंचने से मना कर देना या भूमिगत हो जाना।

प्रस्तुति के दौरान आई आपदा का प्रबंधन

                     अभ्यास के दौरान आई आपदा के प्रबंधन की सारी व्यवस्था प्रस्तुति के दौरान भी होनी चाहिए इसके अलावा कुछ आपदाएं जो प्रस्तुति के दौरान आ सकती है जिसके प्रबंधन के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

 1. यदि प्रस्तुति के दौरान मंच का कोई भाग टूट जाता है तो चल रहे दृश्य के अलावा अन्य अभिनेता-अभिनेत्री तथा मंच परे कलाकारों को चाहिए की दृश्य समाप्त होते ही उस भाग को मंच से हटा दें

2.  यदि दृश्य के दौरान किसी अभिनेता या अभिनेत्री का वस्त्र मुकुट खुल जाता है तो उस अभिनेता तथा अभिनेत्री को चाहिए कि उसे संभाल ले तथा उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पूर्व में वस्त्र ठीक ढंग से पहने हो ।

3. यदि प्रस्तुति के दौरान दृश्य चल रहा हो और उस दृश्य  के समाप्त होने के बाद अगले दृश्य के अपेक्षा दो या तीन दृश्य आगे के  दृश्य की शुरुआत हो जाता है तो अभिनेता तथा अभिनेत्री को यह ध्यान रखना चाहिए की इम्प्रोवाइजेशन कर दृश्य को जल्दी से समाप्त कर पुनः क्रम से आए या क्रम  से दृश्य का प्रदर्शन करें

4. यदि प्रस्तुति के दौरान कोई अभिनेता अपना संवाद भूल जाता है तो उसके साथ के अभिनेता को चाहिए कि वह परिस्थिति अनुरूप अपने संवादों को ऐसे प्रस्तुत करें जिससे दूसरा  जो भूल गया है उस अभिनेता को अपना संवाद याद आ जाए

5.  यदि प्रस्तुति के कुछ समय पहले कोई अभिनेता या अभिनेत्री बीमार पड़ जाए अथवा किसी अभिनेता तथा अभिनेत्री या अन्य कलाकार के द्वारा प्रस्तुति पर आघात करने के उद्देश्य से प्रस्तुति में आने से मना कर दिया जाए अथवा वह कलाकार भूमिगत हो जाए तो ऐसे में प्रस्तुति नियंत्रक अथवा निर्देशक को चाहिए कि वह अपने आप को या किसी कलाकार को ऐसी परिस्थिति के लिए पूर्व से तैयार रखें जिससे कि  प्रस्तुति बाधित ना हो ताथ थोड़ी कम गुणवत्ता के साथ ही सही किंतु प्रस्तुति हो सके।

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