शोध की अर्थ, प्रकृति एवं स्वरूप
शोध का अर्थ, प्रकृति एवं स्वरूप भूमिका किसी भी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए किया गया कार्य शोध है। अर्थात समाज में बहुत सी समस्याएं हैं, कुछ बड़ी तो कुछ छोटी किंतु समस्याएं बहुत से हैं । किसी एक समस्या को चुनकर उसका समाधान ढूंढने के लिए जो कार्य किए जाते हैं उसे शोध कहते हैं। जिस प्रकार एक वैज्ञानिक रासायनिक प्रयोगशाला में किसी रासायनिक समस्या को हल करने के लिए दो या दो से अधिक रसायन को मिलाकर नया रासायनिक पदार्थ बनाने के लिए अनुसंधान करते हैं उसी प्रकार साहित्य में साहित्य से जुड़ी बहुत सारी जिज्ञासाएं मनुष्य के मस्तिष्क में उत्पन्न होती है, जिससे कई सवाल उत्पन्न होते हैं जो समस्या उत्पन्न करती है उस समस्या को हल करने के लिए इतिहास तथा वर्तमान को खंगालते हैं और कई तरह के साहित्यिक प्रयोग करते हैं और एक नई परिभाषा तथा साहित्य की रचना करते हैं। इन्हीं प्रयोगों को शोध कहते हैं। पूरी दुनिया ज्ञान का भंडार है, किंतु वह ज्ञान बिखरा पड़ा है, उस ज्ञान से बहुत ही छोटा वर्ग परिचित